सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को भेजे गए एक पत्र में कैट ने मांग की है कि सरकार को वॉट्सऐप को नई गोपनीयता नीति को लागू करने से तुरंत रोकना चाहिए तथा वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए.
व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वॉट्सऐप की नई गोपनीयता नीति पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसके माध्यम से वॉट्सऐप का उपयोग करने वाले व्यक्ति के सभी प्रकार के डेटा, भुगतान लेनदेन, संपर्क, स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को वॉट्सऐप नई नीति के जरिए हासिल कर उसे अपने किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकता है.
इस मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को भेजे गए एक पत्र में कैट ने मांग की है कि सरकार को वॉट्सऐप को नई गोपनीयता नीति को लागू करने से तुरंत रोकना चाहिए तथा वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए. भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और कंपनी द्वारा प्रत्येक उपयोगकर्ता के डेटा को अपनी नीति के माध्यम से जबरन प्राप्त करने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.
बताया ईस्ट इंडिया कंपनी जैसा व्यवहार
एक बयान में कैट ने कहा, यह हमें ईस्ट इंडिया कंपनी के उन दिनों की याद दिलाता है जब इस कम्पनी ने केवल नमक का व्यापार करने के लिए भारत में प्रवेश किया और देश गुलाम हुआ, लेकिन वर्तमान समय में डेटा ही अर्थव्यवस्था एवं देश की सामाजिक संरचना के लिए महतवपूर्ण है. बिना किसी शुल्क के फेसबुक और वॉट्सऐप का उपयोग करने के लिए भारतीयों को पहले सुविधा देने के पीछे उनका असली मकसद अब सामने आ रहा है. उनका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय के डाटा को हासिल करना है और अपने छिपे हुए एजेंडे के साथ भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि, वॉट्सऐप की बदली हुई निजता नीति एक व्यक्ति की निजता का अतिक्रमण है और भारत के संविधान के मूल बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है और इसलिए कैट ने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि अपनी नई गोपनीयता नीति में, वॉट्सऐप उपयोगकर्ता को नई शर्तों को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहा है और यह अक्सर देखा जाता है कि बिना शर्तों को पढ़े ज्यादातर लोग बिना जाने केवल सामान्य व्यवस्था मानकर उन शर्तों को स्वीकार कर लेते हैं और उन्हें मालूम ही नहीं होता कि उन्होंने अपने लिए क्या मुसीबत मोल ले ही है. अगर कोई व्यक्ति संशोधित शर्तों को स्वीकार नहीं करता तो उस स्थिति में वो वॉट्सऐप का उपयोग नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण भी है. भारत में काम करने वाली कंपनी उपयोगकर्ताओं को अपनी मनमानी और एकतरफा शर्तों को स्वीकार करने के लिए कैसे बाध्य कर सकती है? दोनों व्यापारी नेताओ ने ये सवाल उठाया. नए नियम अगले महीने से लागू किए जाएंगे.
यूजर्स के हर एक्शन पर होगी वॉट्सऐप की नजर
उन्होंने कहा की वॉट्सऐप किसी भी यूजर की लोकेशन, यूसेज और फोन के मॉडल की जानकारी आसानी से ले सकता है यही नही नई नीतियों के माध्यम से वॉट्सऐप उपयोगकर्ता के बैंक खाते को भी एक्सेस कर पायेगा. इतना ही नहीं बल्कि वॉट्सऐप को यह भी पता होगा कि यूजर किसको और कितना भुगतान कर रहा है, साथ ही दूसरी जानकारियां जैसे कि यूजर ने क्या खरीदा और उसकी डिलीवरी कहां हो रही है, इसकी भी जानकारी वो आसानी से हासिल कर पायेगा. यह प्रत्येक उपयोगकर्ता को ट्रैक कर सकता है. ऐसे विशाल डेटा को प्राप्त करने के बाद, वे उपयोगकतार्ओं की खरीद और खर्च करने के व्यवहार के साथ साथ, वे क्या खाते हैं, विभिन्न वस्तुओं की आवश्यकताओं की मात्रा, यात्रा और गंतव्य, उड़ानों का उपयोग, रेलवे, टैक्सी, सड़क परिवहन आदि की सटीक जानकारी हासिल कर पायेगा.